बता दे मुझे वजह दे मुझ
मेरा ही मैं न रहा सब ढूंढ रह
मैंने किया ऐसा क्या हम फिर ना मिल
मैं खुद से ही क्यों लापत
हटा दे उसे मिटा दे उस
दुनिया बनी प्यार की इलज़ाम तल
तूने किया ऐसा क्या हम फिर ना मिल
तूने कहा था मुझ
ना छोड़ के जाना कभ
फिर क्यूँ पलटे हूँ अलग
पर बुरा तो नह
इलज़ाम लगे के मैं बदल गय
क्यूँ बदल गया कभी पूछ मेरी जान
आंसुओं से भरा समंदर था मेर
तू तैर ना सकी मैं डूब गय
इलज़ाम लग
किंग!
थोड़ी वफ़ा मुझसे भी कर लेत
मान लेता पार ख़ुदा क
ना जाने सह गए कितने सितम
सोचा तुम हक़दार वफ़ा क
हम ग़लती से सीख गए
कभी करना करना न भरोस
हुस्न वालों प
खुल के बता दो क्या हिसाब करोग
हो इतना चुप रह के क्या बर्बाद करोग
और अब जो ले ही चुके हो तुम सब हमार
अब क्यूँ याद करोग
इलज़ाम लगे के मैं बदल गय
क्यूँ बदल गया कभी पूछ मेरी जान
आंसुओं से भरा समंदर था मेर
तू तैर ना सकी मैं डूब गय
तेरे ज़ुल्मों को मैं आज भ
हूँ क्यूँ सह रह
तू बेवजह बेवफ़ा क्यूँ बन
पहली दफ़ा जहां ये मेरा रो गय
सब खो गया जो तू ना मिल
जान-ए-जाना ऐसा क्या ह
तूने मुझसे जो चुराय
मुझसे पूछो जीना क्या ह
इतना चाहके भी मिल न पाय
मैने माना दिल दुखा ह
अपने हाल पे रोना आय
दुनिया जीती सबको पाय
बस एक प्यार तेरा हिस्से न आय